Surya Namaskar के 12 चरण | Steps, Benefits & Mantras

Surya Namaskar 12 Steps — सम्पूर्ण विधि”

सूर्य नमस्कार 12 चरणों के लाभ

सूर्य नमस्कार 12 चरणों के नियम, मंत्र और लाभ

🌅 1. प्रणामासन (Pranamasana) — नमस्कार मुद्रा)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. सीधे खड़े हो जाएं।

  2. दोनों पैर आपस में सटे हुए रखें।

  3. दोनों हाथों को छाती के सामने जोड़ें और नमस्कार मुद्रा (प्रणाम) बनाएं।

  4. सिर को हल्का झुकाकर श्रद्धा भाव से सूर्य की ओर देखें।

  5. पूरे शरीर को स्थिर रखें और कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • शरीर सीधा रखें, रीढ़ की हड्डी तनी हुई हो।

  • दोनों पैर एकसमान दबाव से ज़मीन पर टिके हों।

  • ध्यान सूर्य या आंतरिक ऊर्जा केंद्र (हृदय चक्र) पर केंद्रित करें।

  • प्राणायाम के अनुसार सामान्य श्वास (Normal breathing) रखें।

  • यह आसन सूर्य नमस्कार का पहला चरण है।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ मित्राय नमः
(Om Mitrāya Namah)
अर्थ: “जो सबका मित्र है, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • मन और शरीर को स्थिरता प्रदान करता है।

  • सूर्य के प्रति आभार और सम्मान की भावना विकसित होती है।

  • शरीर को संतुलन और अनुशासन सिखाता है।

  • पूरे सूर्य नमस्कार क्रम के लिए मानसिक एकाग्रता और शांति लाता है।

  • हृदय चक्र (Anahata Chakra) को सक्रिय करता है।

ॐ मित्राय नमः
(Om Mitrāya Namah)
अर्थ: “जो सबका मित्र है, उस सूर्य को नमन।”

🌄 2. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) — हाथ ऊपर उठाना

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. प्रणामासन से धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।

  2. हथेलियाँ एक-दूसरे से सटी हों, कोहनी सीधी रखें।

  3. कमर से थोड़ा पीछे की ओर झुकें, ताकि शरीर में हल्का आर्क (arch) बने।

  4. ध्यान रखें कि संतुलन बना रहे और सांस गहरी हो।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • पैरों को ज़मीन पर मजबूती से टिकाकर रखें।

  • सिर, गर्दन और हाथ एक सीध में हों।

  • पीछे झुकते समय कमर में ज़ोर न डालें।

  • दृष्टि (नज़र) दोनों हाथों की उंगलियों की ओर रखें।

  • सांस अंदर (Inhale) लेते हुए मुद्रा बनाए रखें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ रवये नमः
(Om Ravaye Namah)
अर्थ: “जो सबका प्रकाश है, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • छाती और फेफड़ों को फैलाकर श्वसन शक्ति बढ़ाता है।

  • रीढ़ की हड्डी और कंधों को मजबूत करता है।

  • पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।

  • शरीर में ऊर्जा और लचीलापन लाता है।

  • मानसिक ताजगी और आत्मविश्वास बढ़ाता है।

ॐ रवये नमः
(Om Ravaye Namah)
अर्थ: “जो सबका प्रकाश है, उस सूर्य को नमन।

🌞 3. पदहस्तासन (Padahastasana) — झुककर पैर छूना)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. हस्त उत्तानासन से सांस बाहर छोड़ते हुए (Exhale) धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।

  2. रीढ़ को सीधा रखते हुए झुकें और दोनों हाथों से पैरों या जमीन को छूने की कोशिश करें।

  3. सिर को घुटनों के पास लाएं, गर्दन को ढीला छोड़ें।

  4. कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहें और सामान्य श्वास लें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • घुटनों को सीधा रखें लेकिन ज़बरदस्ती न करें।

  • झुकते समय कमर से आगे झुकें, गर्दन पर ज़ोर न डालें।

  • शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें।

  • सांस बाहर छोड़ते हुए (Exhale) झुकना है।

  • ध्यान पेट और रीढ़ की हड्डी पर रखें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ सूर्याय नमः
(Om Suryāya Namah)
अर्थ: “जो सबको प्रकाश और ऊर्जा देता है, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

 

  • रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है।

  • पेट की चर्बी घटाने में सहायक।

  • पाचन और रक्त संचार को सुधारता है।

  • मस्तिष्क तक अधिक रक्त पहुँचाकर तनाव और चिंता कम करता है।

  • पूरे शरीर को सक्रिय और ऊर्जावान बनाता है।

सूर्याय नमः
(Om Suryāya Namah)
अर्थ: “जो सबको प्रकाश और ऊर्जा देता है, उस सूर्य को नमन।”

🏞️ 4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana) — घोड़े जैसी मुद्रा

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. पदहस्तासन से सांस अंदर लें (Inhale)

  2. दायाँ पैर पीछे की ओर जितना हो सके ले जाएं।

  3. बायाँ पैर घुटने से मुड़ा हुआ आगे रखें, पंजा ज़मीन पर टिके।

  4. दोनों हथेलियाँ ज़मीन पर हों, बाएं पैर के पास।

  5. सिर को ऊपर उठाकर सामने देखें, छाती खुली रखें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • पीठ सीधी और छाती खुली रखें।

  • आगे वाला घुटना टखने के ठीक ऊपर हो।

  • पीछे वाला पैर सीधा और घुटना ज़मीन को छूता हो।

  • संतुलन बनाए रखें और सांस नियंत्रित रखें।

  • ध्यान हृदय चक्र या सूर्य पर केंद्रित करें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ भानवे नमः
(Om Bhānave Namah)
अर्थ: “जो प्रकाश फैलाने वाला है, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत बनाता है।

  • पीठ और रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है।

  • फेफड़ों और हृदय की क्षमता में सुधार करता है।

  • संतुलन, आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ाता है।

  • पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।

  •  

ॐ भानवे नमः
(Om Bhānave Namah)
अर्थ: “जो प्रकाश फैलाने वाला है, उस सूर्य को नमन।”

🏔️ 5. दंडासन (Dandasana) — तख्त जैसी मुद्रा

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. अश्व संचालनासन से धीरे-धीरे सांस रोकते हुए (Retain the breath),
    बायाँ पैर पीछे ले जाएं ताकि दोनों पैर सीधे हो जाएं।

  2. पूरा शरीर सिर से एड़ी तक सीधी रेखा में रखें — जैसे प्लैंक (Plank pose)

  3. हथेलियाँ कंधों के नीचे टिकाएं, कोहनी सीधी रखें।

  4. नजर ज़मीन की ओर रखें और शरीर में संतुलन बनाए रखें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • दोनों पैरों के पंजे और एड़ियाँ एक सीध में हों।

  • शरीर को ढीला न छोड़ें — कोर (core) को एक्टिव रखें।

  • श्वास कुछ क्षण रोक सकते हैं या सामान्य गति से रख सकते हैं।

  • ध्यान शरीर की सीध और संतुलन पर रखें।

  • यह मुद्रा शक्ति और स्थिरता की परीक्षा है।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ खगाय नमः
(Om Khagāya Namah)
अर्थ: “जो आकाश में गति करने वाला है, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • बाहों, कंधों और पेट (core muscles) को मजबूत बनाता है।

  • रीढ़ और पेट की मांसपेशियों में शक्ति लाता है।

  • शरीर की संतुलन और स्थिरता को सुधारता है।

  • पेट की चर्बी को कम करने में सहायक।

  • शारीरिक सहनशक्ति (Stamina) बढ़ाता है।

ॐ खगाय नमः
(Om Khagāya Namah)
अर्थ: “जो आकाश में गति करने वाला है, उस सूर्य को नमन।”

🌊 6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara) — आठ अंगों से नमस्कार

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. दंडासन से धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ें (Exhale)

  2. अब घुटनों को जमीन पर रखें।

  3. फिर छाती और ठोड़ी को धीरे से नीचे लाएं — दोनों हथेलियाँ, दोनों पैर, दोनों घुटने, छाती और ठोड़ी ज़मीन को छूएं।

  4. कमर को थोड़ा ऊपर उठाए रखें, ताकि शरीर का भार समान रूप से बंटे।

  5. कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रुकें और सामान्य सांस लें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • सिर आगे की ओर रहे और दृष्टि सीधी हो।

  • शरीर के आठ भाग ज़मीन को छूएं।

  • सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए मुद्रा बनाएं।

  • कमर को बहुत नीचे न गिरने दें।

  • ध्यान श्रद्धा और समर्पण भाव पर रखें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ पूष्णे नमः
(Om Pūṣṇe Namah)
अर्थ: “जो पोषण करने वाला है, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • शरीर के सभी प्रमुख अंगों को सक्रिय करता है।

  • हाथ, छाती और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

  • रीढ़ और कंधों में लचीलापन लाता है।

  • रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

  • शरीर और मन में नम्रता और समर्पण भाव का विकास करता है।

ॐ पूष्णे नमः
(Om Pūṣṇe Namah)
अर्थ: “जो पोषण करने वाला है, उस सूर्य को नमन।”

🌅 7. भुजंगासन (Bhujangasana) — सर्प मुद्रा (Cobra Pose)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. अष्टांग नमस्कार की स्थिति से सांस अंदर लें (Inhale)

  2. धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं, कंधे पीछे की ओर खींचें।

  3. कोहनियाँ मोड़ें, हथेलियाँ कंधों के पास ज़मीन पर टिकाए रखें।

  4. सिर को हल्का पीछे झुकाएं और दृष्टि सामने या ऊपर की ओर रखें।

  5. कमर से नीचे का हिस्सा ज़मीन पर ही टिका रहे।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • कोहनियाँ शरीर के पास रखें, बाहर न फैलाएं।

  • कंधों को कानों से दूर रखें।

  • केवल छाती उठाएं, पेट और पैर ज़मीन पर रहें।

  • सांस गहरी और नियंत्रित रखें।

  • ध्यान रीढ़ और हृदय चक्र पर केंद्रित करें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
(Om Hiranyagarbhāya Namah)
अर्थ: “जो स्वर्ण गर्भ, सृष्टि के स्रोत हैं, उस सूर्य को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

 

  • रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है।

  • पीठ दर्द और जकड़न में लाभदायक।

  • छाती और फेफड़ों को फैलाकर श्वास क्षमता बढ़ाता है।

  • पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।

  • शरीर में ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार करता है।

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
(Om Hiranyagarbhāya Namah)
अर्थ: “जो स्वर्ण गर्भ, सृष्टि के स्रोत हैं, उस सूर्य को नमन।”

🏜️ 8. पर्वतासन (Parvatasana) — पहाड़ जैसी मुद्रा (Mountain Pose / Downward Dog Pose)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. भुजंगासन से सांस बाहर छोड़ें (Exhale)

  2. दोनों हथेलियाँ और पैर ज़मीन पर रखें।

  3. धीरे-धीरे कमर को ऊपर उठाएं, ताकि शरीर ∧ (त्रिकोण) आकार में आ जाए।

  4. सिर को हाथों के बीच रखें और दृष्टि नाभि की ओर करें।

  5. एड़ियाँ ज़मीन पर टिकाने की कोशिश करें, और शरीर को सीधा रखें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • हथेलियाँ और पैर एक सीध में रखें।

  • घुटने सीधे रखें, लेकिन शरीर पर ज़ोर न डालें।

  • सांस गहरी और नियमित लें।

  • ध्यान रीढ़ की लंबाई और संतुलन पर केंद्रित रखें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ मरीचये नमः
(Om Marīchaye Namah)
अर्थ: “प्रकाश के स्वामी, सूर्य देव को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • शरीर को पूर्ण स्ट्रेच देता है।

  • रीढ़, हाथ, पैर और कंधे मजबूत बनते हैं।

  • रक्तसंचार (Blood Circulation) सुधरता है।

  • तनाव और थकान दूर होती है।

  • दिमाग में शांति और एकाग्रता आती है।

ॐ मरीचये नमः
(Om Marīchaye Namah)
अर्थ: “प्रकाश के स्वामी, सूर्य देव को नमन।”

🐎 9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana) — घोड़े जैसी मुद्रा (Equestrian Pose)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. पर्वतासन की स्थिति से सांस अंदर लें (Inhale)

  2. बायाँ पैर आगे लाएं, और उसे दोनों हाथों के बीच रखें।

  3. दायाँ पैर पीछे सीधा रखें, घुटना ज़मीन से सटा हो।

  4. सिर ऊपर उठाएं, छाती खोलें और सामने देखें।

  5. शरीर में खिंचाव और संतुलन बनाए रखें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • आगे का घुटना 90° कोण पर हो।

  • पीछे का पैर सीधा और तना रहे।

  • पीठ को झुकाएं नहीं — सीधी रखें।

  • सांस को नियंत्रित रखें और नजर सामने रखें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ आदित्याय नमः
(Om Ādityāya Namah)
अर्थ: “सूर्य के तेजस्वी रूप को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • जांघों, पिंडलियों और घुटनों को मजबूत बनाता है।

  • पीठ और रीढ़ को लचीलापन देता है।

  • शरीर में संतुलन और ध्यान बढ़ाता है।

  • पाचन और रक्त संचार सुधारता है।

  • आत्मविश्वास और स्थिरता विकसित करता है।

ॐ आदित्याय नमः
(Om Ādityāya Namah)
अर्थ: “सूर्य के तेजस्वी रूप को नमन।”

🌇 10. पदहस्तासन (Padahastasana) — झुककर पैर छूना (Hand to Foot Pose)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. अश्व संचालनासन की स्थिति से सांस बाहर छोड़ें (Exhale)

  2. दायाँ पैर आगे लाएं ताकि दोनों पैर साथ हों।

  3. कमर से झुकें और हाथों से पैरों या ज़मीन को छुएं

  4. सिर को घुटनों के पास लाएं, और शरीर को ढीला छोड़ें।

  5. ध्यान रीढ़ की लचक और श्वास पर केंद्रित रखें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • घुटनों को सीधा रखें, लेकिन ज़रूरत हो तो हल्का मोड़ सकते हैं।

  • सांस को धीरे और स्थिर रखें।

  • रीढ़ को ज़्यादा ज़ोर से न मोड़ें।

  • अभ्यास हमेशा खाली पेट करें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ सवित्रे नमः
(Om Savitre Namah)
अर्थ: “सूर्य के उस रूप को नमन, जो जीवनदाता और प्रेरक है।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता है।

  • रक्तसंचार (Blood Circulation) में सुधार करता है।

  • कमर, पीठ और पेट की चर्बी कम करता है।

  • मस्तिष्क को शांति देता है और तनाव घटाता है।

  • थायरॉयड और पाचन तंत्र को संतुलित रखता है।

ॐ सवित्रे नमः
(Om Savitre Namah)
अर्थ: “सूर्य के उस रूप को नमन, जो जीवनदाता और प्रेरक है।

🌄 11. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) — हाथ ऊपर उठाना (Raised Arms Pose)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. पदहस्तासन से सांस अंदर लें (Inhale)

  2. धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाएं, रीढ़ को सीधा करें।

  3. दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और हल्का पीछे की ओर झुकें

  4. छाती को फैलाएं, नजर ऊपर रखें और गहरी सांस लें।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • पैरों को मजबूती से जमीन पर टिकाएं।

  • झुकाव हल्का रखें, ज़्यादा पीछे न झुकें।

  • सांस की गति नियंत्रित और गहरी हो।

  • ध्यान सूर्य या हृदय चक्र पर केंद्रित करें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ अर्काय नमः
(Om Arkāya Namah)
अर्थ: “सूर्य के उस रूप को नमन जो समस्त रोगों का नाश करता है।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • छाती और फेफड़ों को फैलाता है, जिससे श्वसन क्षमता बढ़ती है।

  • रीढ़ की हड्डी और कंधों में लचीलापन लाता है।

  • पेट के अंगों को सक्रिय करता है।

  • शरीर को ऊर्जा और संतुलन प्रदान करता है।

  • मानसिक एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ाता है।

ॐ अर्काय नमः
(Om Arkāya Namah)
अर्थ: “सूर्य के उस रूप को नमन जो समस्त रोगों का नाश करता है।”

🙏 12. प्रणामासन (Pranamasana) — नमस्कार मुद्रा (Prayer Pose / Salutation Pose)

🧘‍♀️ विधि (Steps)

  1. हस्त उत्तानासन से धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें।

  2. सांस सामान्य करें (Normal Breath)

  3. दोनों हाथों को छाती के सामने जोड़ें, जैसा प्रणाम करते हैं।

  4. आँखें बंद करके ध्यान स्थिर रखें और शरीर को आराम दें।

  5. यह मुद्रा पूरा सूर्य नमस्कार चक्र (Round) समाप्त करती है।


📏 नियम (Rules / Tips)

  • पैरों को जमीन पर साथ रखें।

  • हाथों को छाती के सामने सटी रखें।

  • दृष्टि या ध्यान हृदय चक्र या सूर्य पर केंद्रित करें।

  • श्वास सामान्य और आरामदायक रखें।

  • इसे संपूर्ण चक्र का समापन समझें।


🌞 मंत्र (Surya Namaskar Mantra)

ॐ सर्वाय नमः
(Om Sarvāya Namah)
अर्थ: “सभी जीवों और सूर्य देव को नमन।”


🌿 लाभ (Benefits)

  • शरीर और मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है।

  • सूर्य नमस्कार का चक्र पूरा होने पर ऊर्जा और मानसिक संतोष मिलता है।

  • ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है।

  • तनाव और थकान को कम करता है।

  • धैर्य और विनम्रता की भावना विकसित करता है

ॐ सर्वाय नमः
(Om Sarvāya Namah)
अर्थ: “सभी जीवों और सूर्य देव को नमन।

सूर्य नमस्कार 12 चरणों के लाभ

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